आज का गणतंत्र दिवस और उसके मायने (Republic Day Special)
आज 26 जनवरी है, यानी गणतंत्र दिवस! रात के 9:00 बज रहे है
यह अलग बात है कि बहुतों के लिए यह “गणतंत्र दिवस था” बन गया है
सुबह से ही कुछ लिखने का बहुत मन कर रहा था
ऐसा लग रहा था कि देश और दुनिया को भारत के लोकतंत्र के बारे में कुछ बताऊं, और साथ में यह भी बताऊं कि इस लोकतंत्र का क्या मायने रह गया है
सबसे पहले गणतंत्र को बिल्कुल आसान भाषा में परिभाषित करता हूं, हो सके तो अपने बच्चों को जरूर समझाएं
यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें जनता ही चुनाव के माध्यम से अपना जनप्रतिनिधि चुनती है
भारतवर्ष में यह प्रक्रिया 26 जनवरी 1950 से काम में आया इसलिए हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं
हो सकता है यह आपको बहुत साधारण बात लगे, लेकिन एक बात स्पष्ट कर दूं कि गणतंत्र से बड़ी ताकत कोई नहीं है, किसी भी देश या उसके नागरिक के लिए
हमारे देश का गणतंत्र केबल देश चलाने के लिए शासन प्रणाली की व्यवस्था ही नहीं दिया, साथ में प्रत्येक नागरिक को वो अधिकार दिया जिससे बो औरो से भिन्न नहीं हो, और यह शायद गणतंत्र के द्वारा दिया हुआ लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत हैं
और इसके लिए हम कितना भी गणतंत्र बनाने वालों को धन्यवाद दे, शायद कम होगा
यह केवल गणतंत्र की ही ताकत है कि देश के प्रत्येक नागरिक को 6 मौलिक अधिकार दिए गए हैं
1. समता या समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से अनुच्छेद 18)
2. स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से 22)
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23 से 24)
4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से 28)
5. संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29 से 30)
6. संवैधानिक अधिकार (अनुच्छेद 32)
अधिक जानकारी के लिए आप अनुच्छेद पढ़ सकते हैं
(मेरा सब पढ़ा हुआ है, क्योंकि मेरा मानना है कि जो चीज हम सब के लिए बनाई गई हो उसका ज्ञान होना अति आवश्यक है)
अब बात करना चाहूंगा, आज के दौर में गणतंत्र के मायने पर
मुझे ऐसा लगता है कि आज यह बस एक छुट्टी का दिन बन कर रह गया है
और गणतंत्र दिवस मनाने का या गणतंत्र के बारे में ज्ञान रखने का ठीकरा गिनती के लोग ही निभा रहे हैं
हद तो तब हो जाती है जब लोग अपने दफ्तर में तिरंगा फहराके गणतंत्र को सम्मान देने के बजाय छुट्टी लेकर घूमने चलें जाते हैं
पर इन्हे देश पूरा व्यवस्थित चाहिए
देश के प्रति नैतिक जिम्मेदारी निभाने में यह बिल्कुल पीछे खड़े रहेंगे, लेकिन जब विरोध प्रदर्शन की बात आएगी तो झंडा सबसे आगे इन्ही के हाथ में होता है
या फिर टीवी देख कर सरकार को कोसने की बात हो तो यह लोग पीछे नहीं हटते है
सच बता रहा हूं इन्हें गणतंत्र के “ग” से भी मतलब नहीं है, गणतंत्र का ज्ञान तो दूर की बात है
इनका गणतंत्र आजकल व्हाट्सएप के स्टीकर के आदान-प्रदान से ही मन जाता है
और इनकी सबसे बड़ी गलती यह है की ये आगे आने वाली पीढ़ी को भारत की गौरवशाली गणतंत्र के बारे में अवगत कराने में असमर्थ हो रहे हैं
आज जब स्कूलों में गणतंत्र दिवस मनाने के तौर-तरीकों को देखता हूं तो मन विचलित हो जाता है
आज के दिन भी इनकी प्रस्तुति गैर देशभक्ति गानों पर ज्यादा दिखाई देती है
और साथ में गणतंत्र दिवस के ऊपर भी इनके प्रस्तुति में बहुत कम चर्चा देखने को मिलती है, क्योंकि सच बताऊं आजकल के शिक्षकों को भी इस बारे में बहुत कम ज्ञान होता है
ज्ञान का अभाव होना अपराध नहीं है, पर उसे जान-बूझकर प्राप्त ना करना, खासकर जब आप उस प्रोफेशन में है जहां आप ज्ञान बांट रहे हैं, तो यह सरासर अपराध है
गणतंत्र के सही ज्ञान और प्रचार के लिए शिक्षकों को सबसे पहले आगे आना होगा
आप सबों से यह निवेदन है कि गणतंत्र दिवस के सही मायने को पहचाने, अपने बच्चों को सिखाएं, तभी एक बेहतर भारत की परिकल्पना संभव होगी, नहीं तो ऐसी देशभक्ति तो हर गणतंत्र दिवस जागती ही रहती है
मुझे अपने गणतंत्र और गणतंत्र दिवस पर गर्व है
जय हिन्द
आपका अपना
अभय रंजन
Inspirational.
Sarkar k bharoshe baithe huye longo ke liye aaina hai ye sandesh.
Sabhi kam hum Sarkar k bharoshe nahi kar sakte suruat hame hi karna hoga.
Jai hind