मुझे टीवी देखे हुए 8 महीना हो चुका है, मैं टीवी नहीं देखता हूं, टीवी नहीं देखने का मेरा अपना निजी कारण है क्योंकि आजकल मैं कोई ऐसी चीज टीवी पर नहीं देखता हूं जो मेरे जीवन में काम आ सके और मैं इतना भी काम नहीं करता हूं कि मुझे ज्यादा इंटरटेनमेंट की जरूरत पड़े
और साथ में मुझे खुद का कंटेंट बनाने के बाद इतना समय नहीं मिलता है कि मैं दूसरे को कंटेंट को देख पाऊं
मैं इसमें भी विश्वास रखता हूं कि आप इस तरह का कुछ अच्छा काम करें कि आपकी चीजें टीवी पर दिखाई पड़े
मैं अखबार लेता हूं पर पढ़ने का समय बहुत कम मिलता है जिसके कारण ज्यादा नहीं पढ़ पाता हूं
लेकिन मैं सोशल मीडिया पर बहुत ही ज्यादा सक्रिय हूं
एक तो मैं जिस काम से संबंध रखता हूं उसमें सोशल मीडिया का अहम योगदान है और दूसरा यहां मैं अपनी आजादी से अपना कंटेंट का चुनाव कर सकता हूं
मुझे यहां जबरदस्ती से कुछ थोपा नहीं जा सकता
मैं इस बात से बिल्कुल सहमत हूं कि मुझे सोशल मीडिया से बहुत जानकारी मिलती है
मुझे अपने काम से संबंधित जरूरी बदलाव का भी पता सोशल मीडिया से चलते रहता है
इसलिए प्रत्येक सुबह उठते के साथ में अपने सोशल मीडिया को चेक करता हूं
आज जब मैंने यह प्रक्रिया किया तो मुझे पता चला कि आज स्वामी विवेकानंद जी का जन्मदिन है
मैं अपने पूरे जीवन स्वामी विवेकानंद जी के व्यक्तित्व से बहुत ज्यादा प्रभावित रहा हूं एकमात्र जीवनी पढ़ा हूं जो स्वामी विवेकानंद जी का है
आज मेरे अंदर एक दिलचस्पी जगी कि मैं स्वामी जी के बारे में एक अच्छा लेख पढू
इसलिए मैंने हाथ अपने अखबार पर रखा
मैं ढूंढने की प्रक्रिया में लग गया
परंतु मुझे क्या पता था कि यह कमर्शियल टीवी-अखबार वाले आज हमारे देश के सबसे पहले युवा नेता को ही भूल जाएंगे
इनकी टीआरपी के श्रेणी में तो इनका नाम ही नहीं आता है
इसलिए मुझे वहां से बिल्कुल निराशा हाथ लगी
बकवास विषय पर तो इनका 1 घंटे का एपिसोड या एक बड़ा लंबा चौड़ा निबंध तैयार हो जाता है पर जो असल में, जिससे जानकारी बढ़ सके, जिनके व्यक्तित्व लोगों को प्रभावित कर सके, उन पर यह कभी कुछ तैयार नहीं करते हैं क्योंकि उनसे इनकी टीआरपी में उछाल नहीं आ पाएगा
यह बहुत ही निराशाजनक बात है, और जो कोई थोड़ा बहुत कंटेंट बना भी रहे हैं तो बिल्कुल सीमित ही है, और इस बात को झूठलाया नहीं जा सकता
खैर छोड़िए इस विषय पर बात करने के लिए मेरे पास शब्द कम नहीं है परंतु समय का अभाव है, हम तो स्वामी जी के बारे में बात करते हैं
जब-जब स्वामी जी का स्मरण करता हूं एक कथन मेरे दिमाग में आता है “उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्ति ना हो जाए”
और बिल्कुल सत्य बात कर रहा हूं कि यही एक कथन है जो मेरे स्कूली दिनों में मेरे स्टडी टेबल के आगे लगा मिलता था और जिससे मुझे खूब प्रेरणा मिलती थी
जरा इस फोटो को ध्यान से देखिए, फोटो से ही युवा सोच आदर्श और संस्कार साफ झलकता है
एक बहुत ही बड़ी बात करना चाहूंगा कि अगर जो आपके कमरे में किसी का फोटो लगाना है तो इस महान पुरुष की फोटो लगाएं, वह तमाम क्रिकेटर या फिल्म स्टार से आपको कहीं कुछ मिलने वाला नहीं है
अगर आपको अपना जीवन सवारना है तो आपको इनके आदर्शों पर चलना होगा
और उससे पहले आप को इनके आदर्शों को जानना होगा, उनके बारे में पढ़ना होगा
अगर जो आपको अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब से फुर्सत मिल जाता है तो, हो सके तो इन के बारे में थोड़ी सी अध्ययन शुरू कर दे आप देखेंगे कि आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव आना शुरू हो जाएगा
स्वामी जी के जन्मदिन के उपलक्ष में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है
लेकिन सच बताता हूं यह भी एक मात्र छुट्टी का दिन बन गया है, लोगों को आराम का एक और दिन मिल जाता है
मैं यह दावा के साथ कहता हूं की एक भी माता-पिता अपने बच्चों को स्वामी विवेकानंद के बारे में नहीं बताते होंगे
स्वामी विवेकानंद जी को आधुनिक भारत के एक महान चिंतक, महान देशभक्त, दार्शनिक, युवा सन्यासी, युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत एवं आदर्श व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है
स्वामीजी का जन्म 12 जनवरी 1963 के दिन कोलकाता मे पिता विश्वनाथदत्त, माताँ भुवनेश्वरी देवी के यहां हुआ था
स्वामीजी का बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था
स्वामीजी को भारतीय संस्कृति एवं हिंदू धर्म के प्रचारक- प्रसारक ऐंव उन्यायक के रूप मे जाना जाता है
स्वामी जी बहुत ही कम उम्र में वेद और दर्शन का ज्ञान प्राप्त कर लिए थे और उसी ज्ञान के आधार पर उन्हें दुनिया दार्शनिक के रूप में जानता है
जिस समय विश्व भर में भारत को निम्न दृष्टि से देखा जाता था ऐसी स्थिति में स्वामीजी 1883 में शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में हिंदू धर्म का प्रभावी भाषण देकर दुनिया में भारतीय आध्यात्मिकता ऐंव हिन्दुत्व का डंका बजाया था
तो ऐसे महान अध्यात्मिक संत के जयंती के पावन वेला पर उनको नमन करता हूं
आज ही के दिन देश को एक महान दार्शनिक मिला था जिस के विचारों से देश को एक नई दिशा प्राप्त हुई थी
हमारे देश को ऐसे और भी दार्शनिक लोगों की जरूरत है
आप लोग भी इनके विचार से प्रभावित होकर अपने आप को आगे बढ़ाएं
आपके जीवन के लिए शुभकामनाएं
जय हिंद
आपका अपना
अभय रंजन
Great
Sbse phle bibekanand jee ko srdhanjli or jo log apne abhutpurb purbjo ko yad krte h unko mera koti-2 parnam
Awesome.